Powered By Blogger
Powered By Blogger

बुधवार, 9 दिसंबर 2009

श्रावस्ती की कहानी

उत्तर प्रदेश का एक ऐसा जिला जो वर्त्तमान मुख्यमंतरी मायावती जी की देन है जहा के लोग आज समस्त सुबिधाओ से विमुख होकर जीवकोपार्जन करने को मजबूर है । श्रावस्ती जिले की कहानी यह है की जिले में एक तो मानसून देर से आया तो धान की फसल बर्बाद हो गई , कुछ किसानो कर्ज लेकर या अपने बच्चो का पेट काटकर किसी तरह धान के फसल को पानी देकर बचाए रह गए तो जब मानसून आया तो ऐसे की बाढ आगई और बची खुची फसल भी चौपट हो गयी क्या होगा भारत के उन नागरिको का यह अभी तक पहेली बना हुआ है दुसरी तरफ़ बाढ़ के पानी ने सडको को पुरी तरह बर्बाद कर दिया है और जो नाममात्र की सड़के थी भी वो किसी काम की नही रह गयी है। ठण्ड की शुरुवात हो गयी है और लोगो के घरो में अनाज लगभग ख़तम होने को है और कुछ लोग तो एक टाइम खा रहे है खास तौर से हरिजन बस्तियों की कहानी सुनकर रोना आता है जबकि सरकार मायावती जी की है जो अपने को हरिजनों का ठेकेदार बताती है । और तो और जिले के मुख्यालय से सटे गावो की कहानी ऐसी है तो दूर दराज की क्या कहानी होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है । मायावती जी सरकार पार्क और मुर्तिया बनवाने में इतना ब्यस्त हो गयी की जनता के भूख और प्यास का भी ख्याल न रहा ऐसे में कैसे जीवन यापन होगा श्रावस्ती के लोगो की यह प्रश्न अभी तक एक पहेली बना हुवा है । अब देखना यह होगा की आम लोगो की बात करने का दंभ भरने वाली कांग्रेस सरकार को इनका ख्याल आता है की नहीं ?. जरी रहेगा

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें